Seva

( सेवा )

“belief in action”. It signifies having thoughts and actions towards helping others in a selfless manner. Without Seva, that sensitivity doesn’t manifest in the heart which is a must to experience the infinite.

religion, faith, cross

सेवा धर्म सुधर्म है, है यह उत्तम काम ।

अर्पण कर भगवान् को, करे सेवा निष्काम  ।।

कृपा करुणा प्रेम से, करिए  परहित धाय ।

तज कर फल की कामना, सो सेवा कहलाए ।।

सेवा   धर्म   सुधर्म   है, है   यह   उत्तम   काम  ।
अर्पण  कर भगवान् को, करे सेवा  निष्काम  ।।
कृपा  करुणा  प्रेम  से,  करिए  परहित   धाय ।
तज कर फल की कामना, सो सेवा कहलाए ।।

सेवा कई प्रकार की होती है । भविष्य में कुछ लाभ की उम्मीद करते हैं, सेवा के बदले सेवा की अपेक्षा करते है। आप अपने सेवा की गुणवत्ता में सुधार करने चाहिए, चाहे आप  जहां से भी शुरू करें, आपको सेवा के उच्च स्तर तक बढ़ना चाहिए।

सबसे उत्तम सेवा जब आपको पता भी नहीं होता है कि आप सेवा कर रहे हैं, आप इसे सेवा के रूप में नहीं पहचानते क्योंकि यह आपका स्वभाव है, इस सेवा में कोई कामना नहीं होती, आपको कोई फूल की इच्छा नहीं होती, कोई अभिमान नहीं होता और जिसे समष्टि का कल्याण होता है।

दीन  दास हूँ  द्वार  का,  सेवा  दे  कर  दान ।
सेवा सदन बनाइये, मुझ  को है  भगवान्  ।।
तव  जान  सेवा  में  सदा, मेरा बढ़े  सुभाव  ।
तेरे  पथ  में अर्प  सब,  चढ़े चौगुना  चाव  ।।

Naturally Spiritual, driven by the Purpose: The core pursuit of the life is to perform Selfless Seva, Seva is the first step of the ladder that helps in achieving the infinities and eternal happiness. We at Shri Ramsharnam practice Selfless Seva and it helps Sadhaks recognise, move towards, and reach this sacred pursuit. Through selfless Seva, boundless Knowledge, highest devotion and experiential chanting of Ram Naam awaken the humanity towards its inner infinity.

Selfless
( निष्काम )

सेवा कर्म करते हुए, सेवक को निष्काम रहना चाहिए। दीन, हीन, दुखी, पीड़ित तथा दुर्बल जन की तन, मन, धन से सहायता करना सेवा कर्म है। केवल धर्म-बुद्धि और कर्तव्य-बुद्धि से, जो परहित के कर्म किये जाते है वे सभी निष्काम कर्म कहे जाते है। ऐसे निष्काम कर्म की सेवा सेवक का कल्याण करती है और उसकी आध्यात्मिक उन्निति बढ़ती है।

Fruitless
( लाभ की कोई इच्छा नहीं )

मन में, फल की, यश की, बड़ाई की और प्रशंसा की कामना कदापि नहीं करनी चाहिए। सहज स्वभाव से सेवा करते रहो बिना किसी कामना के, Cosmic power इस सेवा को कभी भी व्येर्थ नहीं जाने देतीं।

Welfare of the society
( समष्टि का कल्याण )

लोक-हित के कामो को करना, जन-सुधIर में भाग लेना और लोगो को राम नाम की धारा से परिचित कराना सेवा-धर्म है। पर को आश्रय तथा विश्राम मिले, दूसरे के मन, तन को शांति तथा संतोष प्राप्त हो और देश, जन तथा जाती का उत्थान और कल्याण हो।